Monday, October 13, 2025

बांगो डुबान के मछुआरों ने मत्स्य महासंघ द्वारा जारी टेंडर प्रक्रिया का विरोध करते हुए रैली निकाली

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बांगो डुबान के मछुआरों ने मत्स्य महासंघ द्वारा जारी टेंडर प्रक्रिया का विरोध करते हुए रैली निकाली

नमस्ते कोरबा :- कोरबा जिले के बांगो डुबान क्षेत्र के मछुआरों ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ द्वारा जारी टेंडर प्रक्रिया का विरोध करते हुए रैली निकाली। बड़ी संख्या में मछुआरे तहसील कार्यालय पोड़ी उपरोड़ा पहुँचे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

इस विरोध रैली में लगभग 58 गाँवों के मछुआरे शामिल हुए। उनका कहना है कि महासंघ द्वारा हसदेव जलाशय में मत्स्याखेट के लिए टेंडर प्रक्रिया चलाई जाती है, लेकिन इस प्रक्रिया में स्थानीय मछुआरे पूंजीपति ठेकेदारों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते। हालांकि महासंघ ने समितियों को 10 प्रतिशत की छूट दी है, फिर भी आदिवासी क्षेत्र के मछुआरे आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं।

इस कारण इस वर्ष किसी भी स्थानीय समिति को जलाशय नहीं मिला, जिससे वे खुद मत्स्याखेट नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि टेंडर प्रक्रिया को समाप्त कर रॉयल्टी प्रणाली लागू की जाए, ताकि स्थानीय मछुआरों को रोजगार का अवसर मिले और वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। इस मौके पर बांगो थाना प्रभारी दुर्गेश वर्मा और नायब तहसीलदार सुमन दास मानिकपुरी उपस्थित रहे। तहसीलदार ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को शासन स्तर पर अवश्य पहुंचाया जाएगा।

दूसरी तरफ इस मामले में सहायक संचालक मत्स्य पालन विभाग ने बयान जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की मछुआरों के हितार्थ जारी नवीन मछुआ नीति 2022 अनुसार राज्य के 1000 हेक्टेयर से अधिक के जलाशयों को मत्स्य पालन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ के अधिपत्य में रखा गया है जिसे मत्स्य महासंघ द्वारा खुली निविदा आमंत्रित कर पंजीकृत मत्स्य सहकारी समिति/मछुआ समूह, पंजीकृत व्यवसायिक संस्था/ कंपनी/ फर्म/ समूह/ व्यक्ति को 10 वर्ष के लिए किया जाता है। खुली निविदा से प्राप्त आय का 50 प्रतिशत रायल्टी राज्य शासन के खाते में जमा की जाती है, शेष बची 50 प्रतिशत राशि के 25 प्रतिशत राशि से जलाशय में स्थानीय स्तर पर मत्स्याखेट करने वाले मछुआरों को लाभ दिया जाता है।

खुली निविदा से जिस संस्था/व्यक्ति को जलाशय आबंटित होते हैं वे स्थानीय मछुआरों के माध्यम से मत्स्याखेट करते हैं। साथ ही खुली निविदा में पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति/समूहों को प्राथमिकता है। पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों/ मछुआ समूहों द्वारा निविदा में भाग लेने पर निविदा में प्राप्त अधिकतम दरों में 10 प्रतिशत छूट की पात्रता है, जिसके कार्यक्षेत्र में उक्त जलाशय/बैराज स्थित है। जलाशयों में केज कल्चर योजनांतर्गत समिति/समूहों एवं विस्थापित परिवारों को लाभान्वित किया जाता है जिससे विस्थापित प्रभावित परिवारों एवं क्षेत्र की आम जनता संतुष्ट एवं खुश हैं।

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