नगर निगम में सभापति का चुनाव 8 मार्च को,निर्दलीय पार्षद भी आजमा सकते हैं अपना भाग्य
नमस्ते कोरबा : नगरी निकाय चुनाव संपन्न हो गए हैं. कोरबा में भाजपा की संजू देवी राजपूत नगर निगम की महापौर बन गई है.अब कोरबा नगर निगम के सभापति की कुर्सी पर सब की निगाहें हैं. सभापति कौन बनेगा. पार्टी किन नामों को प्राथमिकता दे सकती है और इसकी क्या वजह है. एमआईसी में कौन शामिल होगा. क्योंकि 67 वार्ड में से 45 पर भाजपा की जीत हुई है. ऐसे में सभी पार्षदों को संतुष्ट करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है.
सभापति की रेस में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन के सगे भाई निर्विरोध पार्षद नरेंद्र देवांगन, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी और बीते 5 साल निगम में भाजपा के विपक्ष के नेता रहे हितानंद के बीच प्रतिस्पर्धा है. भाजपा पार्षदों में छत्तीसगढ़ी सभापति की चर्चा है. दरअसल भाजपा की महापौर पूर्वांचल से ताल्लुक रखतीं हैं.ऐसे में साकेत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण गद्दी, यानी सभापति का पद एक योग्य छत्तीसगढ़ी उम्मीदवार को सौंपकर जातिगत समीकरण को साधने की चर्चा है.
इन सबके बीच पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभापति के पद के लिए गुटबाजी जारी है, ऐसे में पार्टी द्वारा चौकाने वाला नाम सामने लाया जा सकता है, वहीं मिली जानकारी के अनुसार सभापति पद के लिए निर्दलीय पार्षद भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं,
वर्तमान में कांग्रेस के 11 पार्षद तथा निर्दलीय पार्षदों की संख्या भी 11 है, 34 पार्षदों के समर्थन से नगर निगम में सभापति चुना जाना है, अगर निर्दलीय पार्षद सभापति पद की दावेदारी करते हैं तो निश्चित ही उन्हें भाजपा की गुटबाजी का फायदा अवश्य मिलेगा, खैर जो भी है सभापति के दावेदारों का भाग्य 8 तारीख को पता चल जाएगा की नगर निगम में सभापति के पद पर कौन सा प्रत्याशी आसीन होता है,
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