आज की तेज रफ्तार डिजिटल दुनिया में लोगों को घटना घटते ही उसकी खबर चाहिए,न्यूज पोर्टल्स बन रहे हैं जल्द खबरें पहुंचाने का जरिया
नमस्ते कोरबा :- 21वीं शताब्दी सूचना प्रौद्योगिकी का युग है। आधुनिक संचार तकनीकी का मूल आधार इन्टरनेट है। कलमविहीन पत्रकारिता के इस युग में इन्टरनेट पत्रकारिता ने एक नए युग का सूत्रपात किया है। वेब पत्रकारिता को हम इन्टरनेट पत्रकारिता, ऑनलाइन पत्रकारिता, साइबर पत्रकारिता के नाम के जानते है। यह कम्प्यूटर और इंटरनेट द्वारा संचालित एक ऐसी पत्रकारिता है, जिसकी पहुँच किसी एक पाठक, एक गाँव, एक प्रखण्ड, एक प्रदेश, एक देश तक नहीं अपितु समूचे विश्व तक है।
आज की तेज रफ्तार डिजिटल दुनिया में लोगों को घटना घटते ही उसकी खबर चाहिए। पाठक किस तरह कंटेन्ट को ले रहा है, यह बदलाव उसका ट्रेंड बताता है। साथ ही यह भी कि लक्षित पाठक तक खबर के पहुंचने का वक्त कितना घट गया है।
स्मार्टफोन का लगातार बढ़ता बाजार, बढ़ती कनेक्टिविटी, इंटरनेट कनेक्शन की न्यूनतम लागत और विशाल युवा आबादी डिजिटल न्यूज़ के प्रसार को सुनिश्चित कर रही है। भारत के द्वितीय व तृतीय श्रेणी के शहरों में रह रहे लोगों का स्पष्ट बहुमत प्राथमिक रूप से मोबाइल फोन के माध्यम से ही नवीनतम खबरों से जुड़ा है। नतीजा यह है कि अगले दस साल में भारत में डिजिटल न्यूज दस गुना से अधिक बढ़ जाएगी।
इसी लिए वेब पत्रकारिता को भारत में पत्रकारिता के स्वर्णिम भविष्य के रूप में भी देखा जा रहा है | आय के साथ साथ प्रचलन और तत्परता जैसे वांछनीय गुणों के रहते वेब पत्रकारिता भविष्य के गर्भ में उन्नति का पुष्ट दस्तावेज़ साबित होगी|
सरकार जल्दी ही लागू करने वाली है न्यूज पोर्टल हेतु नियमावली। न्यूज पोर्टल के पत्रकार भी असली पत्रकार हैं। न्यूज पोर्टल कि बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 4 अप्रैल 2018 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि देश में चलने वाले टीवी चैनल और अखबारों के लिए नियम कानून बने हुए हैं और यदि वह इन कानूनों का उल्लंघन करते हैं तो उससे निपटने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) जैसी संस्थाएं भी हैं, लेकिन ऑनलाइन मीडिया के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन मीडिया के लिए नियामक ढांचा बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जायेगा.दस लोगों की इस कमेटी के संयोजक सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव होंगे. इस कमेटी में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और एनबीए के सदस्य भी शामिल होंगे.
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