हर दिन करोड़ो की कमाई पर सड़को की सुध लेने वाला कोई नहीं.. ग्रामीणों ने लखनपुर मार्ग पर किया चक्काजाम,
नमस्ते कोरबा: प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहलाने वाला कोरबा एक बार फिर अपनी बदहाल सड़कों को लेकर सुर्खियों में है। लाखों टन कोयले के उत्पादन से रोज़ाना करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाले इस क्षेत्र में सड़कों की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि आम लोगों का धैर्य अब टूट गया है।
कटघोरा थाना क्षेत्र के लखनपुर मार्ग पर शुक्रवार को ग्रामीणों ने सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों जिनमें महिलाएँ, बुजुर्ग और युवा शामिल थे। उन्होंने सड़क पर उतरकर चक्काजाम कर दिया। इसके चलते घंटों तक कोयला परिवहन पूरी तरह ठप रहा।
ग्रामीणों का आरोप है कि रोज़ाना हजारों भारी ट्रक और ट्रेलर कोयला ढोते हुए इसी मार्ग से गुजरते हैं, जिससे सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं। जगह-जगह बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिनसे छोटे वाहनों का चलना बेहद मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि खराब सड़कों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं, लेकिन प्रशासन और कोल कंपनियों को इससे कोई सरोकार नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि बीते वर्ष भी उन्होंने इसी समस्या को लेकर आंदोलन किया था, तब प्रशासन ने जल्द मरम्मत का आश्वासन दिया था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सड़कें जस की तस हैं। वादाखिलाफी से नाराज होकर इस बार ग्रामीणों ने कोयला परिवहन को रोक दिया है।
जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। हालांकि ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सड़क सुधार कार्य शुरू नहीं होता और भारी वाहनों के आवागमन पर रोक नहीं लगाई जाती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि कोरबा जिले से हर दिन कोयले के उत्पादन और परिवहन से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। इसके बावजूद यहां की सड़कों की हालत बेहद दयनीय है। सवाल उठता है कि जब डीएमएफ (जिला खनिज निधि) के पैसों से प्रदेश के दूसरे इलाकों में विकास कार्य हो रहे हैं, तो कोरबा के उत्पादन क्षेत्र की सड़कें अब भी खस्ताहाल क्यों हैं?
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