श्याम मित्र मंडल कोरबा में फिर उभरा टकराव, आपातकालीन आमसभा को विफल करने का प्रयास
नमस्ते कोरबा : श्याम मित्र मंडल समिति, कोरबा में चल रही आंतरिक कलह एक बार फिर सतह पर आ गई है। हाल ही में समिति के पदेन सदस्यों (पूर्व अध्यक्षों) द्वारा संस्था की स्थिरता एवं सुचारु संचालन हेतु एक आपातकालीन आमसभा बुलाई गई है, लेकिन इसे लेकर भंग की गई कार्यकारिणी के अध्यक्ष के द्वारा विरोध और विघटनकारी प्रयास सामने आए हैं।
सूत्रों के अनुसार समिति के व्हाट्सएप ग्रुप में एक भ्रामक संदेश प्रसारित किया गया, जिसमें आमसभा को लेकर संदेह उत्पन्न करने की कोशिश की गई। हैरानी की बात यह रही कि ग्रुप को “ओनली एडमिन” मोड में डालकर अन्य सदस्यों को अपनी प्रतिक्रिया देने से वंचित कर दिया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूचना को हटाया गया, आपातकालीन आमसभा को विफल करने हेतु बनाई गई नई रणनीति
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, जब पदेन सदस्यों द्वारा वैधानिक आपातकालीन आमसभा की सूचना समिति के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा की गई, तो उसे डिलीट कर दिया गया और ग्रुप को only for admin कर दिया गया। यह कदम सूचना को दबाने और पारदर्शी संवाद से बचने के उद्देश्य से उठाया गया बताया जा रहा है,
इसके बावजूद, पदेन सदस्यों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सूचना को अन्य वैकल्पिक माध्यमों जैसे –
✅ मंदिर परिसर के सूचना पटल,
✅ अन्य व्हाट्सएप ग्रुप,
✅ और प्रत्येक सदस्य को व्यक्तिगत रूप से संदेश भेजकर
आमसभा की सूचना प्रदान की।
रजिस्ट्रार के आदेश को किया नजरअंदाज़
गौरतलब है कि रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं सोसायटीज़ द्वारा इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी किया जा चुका है, जिसकी प्रति न केवल समिति के ग्रुप में साझा की गई थी, बल्कि विभिन्न अखबारों और डिजिटल पोर्टल्स पर भी प्रकाशित हो चुकी है। इसके बावजूद सूचना को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया।
पदेन सदस्यों का पक्ष स्पष्ट
पूर्व अध्यक्षों का कहना है कि संस्था की गरिमा और निष्पक्ष संचालन हेतु यह आपातकालीन आमसभा बुलाई गई है। यह पूर्णतः वैध और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अंग है।
सदस्यों से की गई अपील
पदेन सदस्यों द्वारा सभी समिति सदस्यों से आग्रह किया गया है कि वे किसी भी अफवाह या भ्रम में न आएं और संस्था के भविष्य व लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूती देने हेतु इस आपातकालीन आमसभा में सक्रिय भागीदारी निभाएं।