खदान विस्तार के लिए एसईसीएल और भूविस्थापितों के बीच टकराव जारी,ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद बैरंग वापस लौटे अधिकारी
नमस्ते कोरबा : खदान विस्तार के लिए एसईसीएल प्रबंधन किसी भी हद तक जाने को तैयार है। मनमानी करते हुए प्रबंधन जबरन लोगों की जमीन खाली कर खनन करना चाहता है,जिसे लेकर भू-विस्थापित काफी आक्रोशित है।
कुसमुंडा कोल परियोजन विस्तार के लिए प्रबंधन,पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायत पाली पहुंचा,लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें यह कहकर चलता कर दिय,कि जब तक मुआवजा,बसाहट और रोजगार का प्रकरण साफ नहीं हो जाता तब तक खनन नहीं करने दिया जाएगा।
खदान विस्तार के लिए एसईसीएल प्रबंधन और भू-विस्थापितों के बीच टकराहट जारी है। सारे नियमों को ताक पर रखकर प्रबंधन हर हाल में खनन का काम शुरु करवाना चाहता है,जिसे लेकर भू-विस्थापित काफी आक्रोशित है। इसी कड़ी में मंगलवार की सुबह 11 बजे कुसमुंडा खदान विस्तार के लिए प्रबंधन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायत पाली पहुंचा जहां उनके द्वारा जबरन खनन का काम शुरु करवाने की कोशिश थी,लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा।
भू-विस्थापितों का कहना है,कि जब तक रोजगार,मुआवजा और बसाहट का मामला निपटा नहीं लिया जाता तब खनन का काम शुरु नहीं करने दिया जाएगा। भू-विस्थापितों ने यह भी बताया,कि प्रबंधन जबरदस्ती उन्हें उनकी जमीन से हटाना चाह रहा है।
गौरतलब है,कि भू-विस्थापितों का रोजगार,बसाहट और मुआवजा का प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है,लेकिन प्रबंधन चाहता है,कि निर्णय आने से पहले ही प्रबंधन खनन का काम शुरु करना चाहता है। इस स्थिती में भू-विस्थापित संघ ने कहा है,कि प्रबंधन ने अगर जोर जबरदस्ती की,तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।