विश्रामपुर में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य श्री ने सुनाई ध्रुव कथा, भक्त हुए भाव विभोर
नमस्ते कोरबा :- सिंघल परिवार द्वारा आयोजित कथा के अंतर्गत श्री आनंद कृष्ण ठाकुर जी ने कहा कि माता सुनीली ने बेटे ध्रुव को नारायण के तप करने को कहा। वास्तविकता मे केवल बच्चे उत्पन्न करने से भी कहलाना श्रेष्ठ नही बल्कि “ पुगवती युवती जाग सोई- रघुपति भगत जासुसुखोई जिस माँ का पुत्र भगवान का भक्त होता है वह माँ श्रेष्ठ होती है। आजकल लोग अपने
माँ-पिता को वृद्धाश्रम मे भेज देते है। पुत्रों को केवल अच्छी कमाई हेतु उच्च शिक्षा देना क्षेत्रकर नहीं बल्कि उच्चशिक्षा के साथ-साथ उच्च संस्कार देने की आवश्यकता है। जब संस्कार अच्छे हो तो वृद्धाश्रम जाने की एवं बनाने की कोई अवश्यकता नहीं। हमारे भारत मे वृद्धाश्रम की जरूरत नहीं ये विदेशों की जरूरत है। कथा के अन्तर्गत करदे जी की कथा, शुकदेव जी द्वारा परीक्षित कोप सृष्टि उत्पत्ति, ध्रुव जी की कथा सुनाकर श्रोताओं को आनन्द की
अनुभूति प्राप्त हुई | भगवान नारायण एवं ध्रुव की
झाँकी देख कर श्रोतागण आनन्दित हो गये ।