सरकारी जमीनों पर साड़ी का स्वैग,बस साड़ी बाँधो और शहर की कीमती जमीन को अपना समझो
नमस्ते कोरबा :- शहर में विकास की बातें होती हैं, स्मार्ट सिटी के सपने दिखाए जाते हैं, योजनाओं पर करोड़ों खर्च किए जाते हैं लेकिन हकीकत? उरगा मार्ग पर गौ माता चौक से आगे साड़ी और रस्सियो के सहारे हो रहे कब्ज़े जी हाँ, आपने सही पढ़ा अब जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए न तो किसी गिरोह की ज़रूरत न ही किसी बड़े तम्बू की। सिर्फ एक साड़ी लहराइए, दो रस्सियां खींचिए और बधाई सरकारी जमीन आपकी!
कुछ ही दिनों में वहाँ तीन चार झोपड़ियां खड़ी कर दी गईं और प्रशासन? वो शायद अभी भी “मैदानी निरीक्षण करेंगे” जैसी पारंपरिक नींद में सोया है। सिस्टम को जानकारी तब होती है जब दीवारें बन जाएं, बाउंड्री हो जाए, और लोग बिजली पानी भी लगवा लें। इससे पहले इसकी आँख खुल जाए, ऐसा कभी हुआ है क्या?
सबसे बड़ा सवाल यदि यही तरीका चलता रहा, तो शहर में जमीन बचेंगी कहाँ? आज उरगा मार्ग…कल कोई दूसरा मार्ग…और कुछ ही दिनों में पूरे शहर में साड़ी,रस्सी संस्कृति का साम्राज्य!
यह समस्या सिर्फ कब्ज़े की नहीं है बल्कि यह सिस्टम की संवेदनहीनता का आईना है। प्रशासन के कानों तक खबर तब पहुँचती है जब सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हों या अखबारों में सुर्खियाँ बन जाएँ। जमीनी हकीकत देखने जाना शायद विभाग के “कर्तव्य सूची” में अब बचा ही नहीं। जहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं दिलाने में महीनों लगते हैं, वहीं कब्ज़े बनाने में कुछ घंटे ही काफी हैं। और प्रशासन को इसकी भनक भी नहीं!
शहर की जमीनें कीमती ही नहीं भविष्य का आधार हैं। यदि ऐसे कब्ज़े अनियंत्रित बढ़ते रहे तो विकास की योजनाएँ तो कागजों पर ही रह जाएंगी और जमीनों पर राज चलेगा साड़ी रस्सी वालों का।
अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन जागता है या फिर यहाँ भी वही पुरानी फाइलों में दबती आवाज़ “जांच की जाएगी…” और कब्ज़े? वो तो बढ़ ही रहे हैं… बढ़ ही रहे हैं…
Read more :- SIR फ़ॉर्म के नाम पर ठगी का नया तरीका! प्रशासन ने दी चेतावनी “सतर्क रहें, सुरक्षित रहें”







