जीएसटी दरों में आंशिक कमी जनता को बरगलाने का प्रयास : जयसिंह अग्रवाल
नमस्ते कोरबा। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर जीएसटी दरों में आंशिक कमी को लेकर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया “गब्बर सिंह टैक्स” आम जनता और छोटे व्यापारियों पर भारी बोझ साबित हुआ है। अब वर्षों तक ऊँची दरों पर कर वसूलने के बाद कुछ वस्तुओं पर कटौती कर इसे “बड़ी राहत” बताना जनता को गुमराह करने जैसा है।
मामूली राहत को बड़ी उपलब्धि बताना जनता की समझदारी का अपमान
अग्रवाल ने कहा कि यह कोई राहत नहीं बल्कि पहले से वसूली जा रही राशि में मामूली कटौती है। केन्द्र सरकार प्रचार-तंत्रों के माध्यम से इसे उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि “खरबूजा चाहे चाकू पर गिरे या चाकू खरबूजे पर, कटना तो खरबूजे को ही है।”
छोटे व्यापारियों पर असर
पूर्व मंत्री ने कहा कि बार-बार बदलती दरों से छोटे और मध्यम व्यापारी अस्थिरता और घाटे का सामना कर रहे हैं। पुराने स्टॉक पर टैक्स क्रेडिट की सुविधा न मिलने से भी उनका नुकसान हुआ है। वहीं, वसूले गए कर राजस्व का पारदर्शी और जनकल्याणकारी उपयोग जनता को दिखाई नहीं देता।
क्षेत्रीय असर के उदाहरण
दवाइयाँ: कुछ जीवनरक्षक दवाएँ टैक्स-फ्री की गईं, लेकिन अन्य दवाओं पर 5% कर बना हुआ है। छोटे मेडिकल स्टोर टैक्स क्रेडिट न मिलने से परेशान हैं।
स्टेशनरी: पेंसिल, पेन, कॉपियों पर राहत दी गई, पर अन्य स्कूली सामान अब भी कर के दायरे में हैं।
ऑटोमोबाइल: छोटी गाड़ियाँ और टू-व्हीलर थोड़े सस्ते हुए, लेकिन बड़ी कारें और हाई-एंड बाइक अब भी महंगी हैं। डीलरों को नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है।
निर्माण क्षेत्र: सिमेंट पर दर 28% से घटाकर 18% की गई, जिससे प्रति बोरी 25–30 रु. कम होना चाहिए था। लेकिन कंपनियों ने तुरंत कीमतें बढ़ाकर लाभ जनता तक पहुँचने नहीं दिया।
अग्रवाल ने सरकार से मांग की कि जीएसटी ढांचे की व्यापक समीक्षा की जाए, आवश्यक वस्तुओं पर न्यूनतम कर लगाया जाए और छोटे व्यापारियों को राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्यों की राजस्व हानि की भरपाई भी केन्द्र सरकार को करनी चाहिए।
पूर्व मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार जनता से वर्षों तक ऊँचे कर वसूलने के बाद अब मामूली राहत दिखाकर वाहवाही लूट रही है। जनता को उनकी मेहनत की कमाई का सम्मान चाहिए, न कि भ्रामक प्रचार। सरकार को कर नीति पारदर्शी, संतुलित और जनहितैषी बनानी होगी।
कॉलोनी के बीचों बीच पहुंचा अहिराज सांप, लोगों ने कहा दिखता सुंदर हैं पर देख कर डर भी लगता हैं