Weekend special:- कोरबा यादों का शहर,दिल के सबसे करीब
नमस्ते कोरबा : हर किसी की ज़िंदगी में एक ऐसा शहर होता है, जिसके ज़िक्र भर से दिल मुस्कुरा उठता है। हमारे लिए वह शहर है कोरबा जहाँ की गलियों से लेकर चौपाल तक,हर मोड़ पर एक कहानी बसी है।
कोरबा सिर्फ़ उद्योग और ऊर्जा की पहचान भर नहीं है, बल्कि यह अपनेपन की गर्माहट, रिश्तों की मिठास और उन यादों का ठिकाना है, जो समय बीत जाने पर भी दिल में जिंदा रहती हैं। यहाँ की सुबहें ताज़गी से भरी होती हैं, और शामें किसी पुराने दोस्त की तरह सुकून देती हैं।
जो लोग आज इस शहर से दूर कहीं और अपनी नई दुनिया बसा चुके हैं, उनके लिए कोरबा सिर्फ़ एक भूगोल नहीं, बल्कि भावनाओं का संसार है। जब भी वो ‘घर’ याद करते हैं, तो सबसे पहले कोरबा की वही गलियाँ, चौक-चौराहे, बचपन के खेल और अपनों के चेहरे आँखों में उतर आते हैं।
आज भी आँखें बंद करता हूँ तो मुझे वही गलियाँ दिखती हैं जहाँ हम दोस्तों संग गली क्रिकेट खेलते थे। गर्मियों की दोपहर में जामुन और आम तोड़ने की होड़, बरसात की शाम को भीगते हुए घर लौटना, और स्कूल जाते समय की वो मासूम शरारतें ये सब मेरे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा हैं।
वीकेंड पर जब हम यादों की पोटली खोलते हैं, तो कोरबा की छोटी-छोटी बातें हमें फिर से वहीं ले जाती हैं,चाहे वह दोस्तों संग बिताई गई शामें हों, बरसात के मौसम में मिट्टी की खुशबू, या फिर त्योहारों की रौनक।
कहते हैं शहर बदल जाते हैं, इमारतें और सड़कें नई हो जाती हैं, लेकिन जो यादें दिल में बस जाती हैं, वो कभी पुरानी नहीं होतीं। कोरबा भी ऐसा ही शहर है,दिल के सबसे करीब, यादों का सबसे प्यारा ठिकाना।
कोरबा शहर हमारी पहचान है। आइए मिलकर इसे स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषणमुक्त बनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस शहर को यादों के साथ-साथ गर्व से जोड़ सकें। यादों का शहर तभी खूबसूरत रहेगा जब हम सब मिलकर इसकी संस्कृति, स्वच्छता और प्रकृति की रक्षा करेंगे। आइए, अपने कोरबा को दिल ही नहीं, धरती पर भी सबसे खूबसूरत बनाएँ।
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