कागजों में बंद रेत खनन और कोरबा की सड़कों पर सुबह शाम धड़ल्ले से चलती ट्रैक्टर की हकीकत
नमस्ते कोरबा : जिले में रेत खनन पर सरकारी रोक लगी है, प्रशासन दावा करता है कि कार्रवाई जारी है, लेकिन सच्चाई इससे बिलकुल जुदा है। कोरबा में रेत माफिया इस कदर बेखौफ हैं कि ट्रैक्टर दिन-रात शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। कागजों में भले ही खनन बंद हो, लेकिन ज़मीन पर रेत का कारोबार खूब फल-फूल रहा है।
तस्वीरें कोरबा की हैं. जहाँ सरकारी रोक के बावजूद रेत से भरे ट्रैक्टर सुबह से लेकर आधी रात तक बेरोकटोक दौड़ते नज़र आते हैं। ना कोई चेकिंग, ना कोई डर, कागज़ों पर रेत खनन को बंद दिखाया गया है, लेकिन ज़मीनी हकीकत ये है कि नदियों से रेत निकाली जा रही है, ट्रैक्टरों में लादी जा रही है, और फिर शहर के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई की जा रही है,रेत की कीमतों में भी इजाफा किया जा रहा है,सामान्य दिनों में जो रेत का ट्रैक्टर 1200 से 1500 तक मिल जाता था वर्तमान में उसकी कीमत 2500 से शुरू हो रही है,ऐसा नहीं है कि प्रशासन पर कार्यवाही नहीं करता,गाहे-बगाहे खनिज विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कार्यवाही की जाती है, लेकिन कुछ दिनों में फिर से वही अवैध कार्य शुरू हो जाते हैं
प्रशासन का दावा है कि नियमित निगरानी की जा रही है, लेकिन सवाल ये है जब सड़कों पर हर दिन अवैध रेत से लदे ट्रैक्टर दिख रहे हैं, तो फिर निगरानी किसकी और कहां?
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