कोरबा शहर पूछ रहा है,मच्छरों से पहले जागेगा निगम या फिर बीमारियां तय करेंगी जागने का वक्त?
नमस्ते कोरबा : शहर के हालात एक बार फिर सवालों के कटघरे में हैं। बारिश की दस्तक के साथ ही जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छरों की फौज भी सक्रिय हो चुकी है। कोरबा नगर निगम की उदासीनता एक बार फिर सामने है, जिससे शहरवासी चिंतित हैं,क्या नगर निगम मच्छरों से पहले जागेगा या फिर जब अस्पतालों की कतारें बीमारों से भर जाएंगी, तब कुछ किया जाएगा?
बारिश की हर बूंद के साथ जैसे निगम की लापरवाही धुलने के बजाय और उजागर हो रही है। कॉलोनियों, मोहल्लों और मुख्य सड़कों के किनारे जमा गंदा पानी बीमारियों की आशंका को बल दे रहा है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हर साल की तरह इस बार भी दरवाज़े पर हैं,और निगम की तरफ से अब तक कोई ठोस फॉगिंग अभियान,दवा छिड़काव या सफाई व्यवस्था की गंभीरता नजर नहीं आ रही।
नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू और अन्य पार्षदों में कहा कि नगर निगम की निष्क्रियता को लेकर आम जनता में भारी नाराज़गी है। लगातार शिकायतें करने के बावजूद कोई अधिकारी संज्ञान नहीं ले रहा है।
कांग्रेस पार्षद और निगम में नेता प्रतिपक्ष कृपाराम साहू ने कहा कि विगत वर्षों के मुकाबले सफाई में बजट तीन गुना बढ़ाया गया है, परंतु धरातल पर कार्य नहीं हो रहे हैं,इस वजह से हर वार्ड में मच्छरों को आतंक बढ़ रहा है और लोग बीमार हो रहे हैं, उन्होंने कहा कि कोरबा जैसे औद्योगिक शहर में मच्छरों का इस तरह से हावी होना प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।
वहीं दूसरी और जब इस मुद्दे पर सफाई इंस्पेक्टर से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हर वार्ड में दवाई और ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन हमारा सवाल वही है अगर दवाई का छिड़काव हो रहा है तो किस क्षेत्र में,आखिर लोगों को नजर क्यों नहीं आ रहा?
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