ट्रेन आवागमन के समय रेलवे क्रसिंग में बंद समपार रेलवे फाटक पार करना दंडनीय अपराध,फिर भी जान जोखिम में डाल रेलवे फाटक पार कर रहे लोग
नमस्ते कोरबा : ट्रेन आवागमन के समय रेलवे क्रसिंग में बंद समपार रेलवे फाटक पार करना दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर नियम तोड़ते हुए रेल पटरी पार करते हैं,जो कभी भी उनकी मौत का कारण बन सकता है। इसमें संबंधित रेल महकमा भी लापरवाह बना हुआ है।
इसे विवशता कहा जाए या दुस्साहस। ट्रेन आने के समय शहर के बंद रेलवे फाटक पर बाइक सवारों का आवागमन बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ से ट्रेन के आगमन संकेत तो दूसरी ओर से जैसे ही ट्रैक पार करने की दुस्साहस प्रक्रिया जारी रहती है।
विडंबना यह है कि इसकी रोकथाम के लिए न तो रेलवे पुलिस सक्रिय है, न ही फाटक बंद करने वाले गेटमैन का पता रहता है। आपाधापी के बीच बाइक सवारों द्वारा जल्दबाजी में रेलवे ट्रैक को पार करना आम बात हो गई है। जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि मोटरसाइकिल सवारों के दुस्साहस के चलते कई बार अनेक जगह पर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जहां पर ट्रेन की जद में आने से बाइक के परखचे उड़ चुके हैं, लेकिन लोग सबक लेने के बजाय बराबर यात्रा करके जान जोखिम में डाल रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस पर यदि रोकथाम नहीं की गई तो किसी दिन गंभीर हादसा हो सकता है।
रेलवे क्रसिंग के दोनों ओर रेल प्रबंधन द्वारा लगाए गए बोर्ड में स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि यदि कोई व्यक्ति सड़क यातायात के लिए बंद रेलवे फाटक के दोनों ओर फाटकों, चौन अथवा अवरोध को तोड़ने की कोशिश करता है, तो उसे जेल हो सकती है। इसका रेलवे एक्ट की धारा 160 में प्रावधान है।
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