कोरबा के खेतों में राखड़ की मार,छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा जारी किया गया नोटिस
नमस्ते कोरबा: विद्युत उत्पादन करने वाली कंपनियों ने पहले तो राखड़ बांध बनाने के लिए किसानों की उपजाऊ खेतों को अधिग्रहित कर लिया। अब रही सही जमीन पर भी राखड़ की मार देखी जा रही है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण शहर के निकट भालूसटका में देखा जा सकता है।
यहां निर्मित कृषि मंडी के जमीन को समतल करने राखड़ डाला गया था । राखड़ के ऊपर मिट्टी की पतली लेयर डाल फिलिंग की औपचाकिता कर ली गई थी।इसकी पोल लगातार हुई वर्षा से खुल गई और राख बहकर किसानों की खेतों तक पहुंच गया। करीब एक दर्जन किसानों की आठ एकड़ धान की बोआई कार्य पर पानी फिर गया है।
इस खबर को मीडिया द्वारा प्रमुखता से प्रसारित करने की वजह से की वजह से छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल के द्वारा संज्ञान में लिया गया और निरीक्षण करने पर पाया गया कि कृषि उपज मंडी से राख विद्युत सब स्टेशन और कुछ खेतों में पहुंच गई जिस पर पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा कृषि उपज मंडी के सचिव को नोटिस जारी कर फैली हुई राख को हटाने को कहां गया है,
वही एनटीपीसी के मामले में भी पर्यावरण अधिकारी ने अपना पक्ष रखा,और बताया कि प्रबंधन भारत जिले में लगातार हो रही बारिश को ध्यान में रखते हुए ओवरफ्लो पानी को बाहर निकाला गया. प्रबंधन द्वारा क्षेत्र की लगातार निगरानी की जारी है और पर्यावरण विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं,
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