कोरबा के किसानों के लिए राख बनी मुसीबत,दो दिनों में कई एकड़ खेतों में पहुंची राख,इस वर्ष खेती करना हुआ मुश्किल
नमस्ते कोरबा / बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख कोरबा के लोगों के लिए अभिशाप बनते जा रही है, जिले में हो रही लगातार वर्षा से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है परंतु कोरबा के बिजली संयंत्रों से निकली राख किसानों के लिए अभिशाप बन गई,
पहला मामला एनटीपीसी के धनरास राखड़ बांध के टूटने से डेम के आसपास के 40 एकड़ खेत में राखड़ बह गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
वही दूसरा मामला ग्राम दादर के भालूसट्टका स्थित निर्माणअधीन कृषि मंडी का है, जहां की जमीन को बराबर करने के लिए भारी मात्रा में राख पटवाया गया था, और उसके ऊपर मिटटी डलवाई गई थी, परंतु लगातार बारिश से यहां भी राख बहकर कृषि मंडी के बाजू में स्थित 132 kv के सब स्टेशन में फैल गई जिससे यहां कार्यरत कर्मचारी काफी परेशान हुए,
सबस्टेशन के पूरे एरिया में लगभग 2 फीट तक राख फैल गई है, जिसकी जानकारी विद्युत विभाग के अधिकारियों के द्वारा जिला प्रशासन तक पहुंचाई गई, कृषि मंडी और सब स्टेशन से लगे आसपास के खेतों में भी राख का कहर जारी है, और यहां कई किसानों की खेतों में बड़ी मात्रा में राख पहुंच गई जिसे किसानों द्वारा अपने संसाधनों से खेतो से हटाने की असंभव कोशिश करते देखे गए,
प्रशासन के अधिकारी पहुंचे मौके पर और उन्होंने कहा कि राख से होने वाले नुकसान का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को सौप जाएगा जिस पर आगे उचित कार्यवाही की जाएगी,
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