चाय दुकान व चौक-चौराहों में लोग अपने-अपने ढंग से बना रहे हैं सरकार,हर जगह केवल एक ही चर्चा कि आखिर जीतेगा कौन ?
NAMASTE KORBA : विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद अब मतगणना के लिए तीन दिसंबर तक उम्मीदवारों के साथ लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान लोग हार-जीत को लेकर चर्चा कर रहे हैं। चौक- चौराहों में सिर्फ चुनाव परिणाम की ही चर्चा हो रही है। सभी अपने-अपने पसंद के उम्मीदवारों को जीता रहे हैं। तो कई लोग प्रत्याशियों की खामियां बात कर उन्हें चुनाव हरा रहे हैं। चुनाव में प्रमुख मुकाबला अधिकांश सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच हुआ है। कांग्रेस ने जहां भरोसे का घोषणा पत्र जारी किया था वहीं भाजपा ने मोदी की गारंटी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा।
चुनाव के बाद राजनीतिक जानकार व लोगों के बीच जिस तरह बातें छनकर आ रही है उस आधार पर कोरबा विधानसभा में भाजपा- कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। अब लोगों को चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि मतगणना में अभी 12 दिन का समय शेष है। उम्मीदवारों का भाग्य स्ट्रांग रूम में बंद हो गया है मगर मतदाताओं में परिणाम जानने की उत्सुकता इतनी है कि वे एक-एक दिन गिन रहे है।
कार्यकर्ताओं की यह स्थिति है कि जो तन, मन धन से चुनाव प्रचार किए हैं। वे खुद के प्रत्याशी के जीत के लिए पूरी तरह से उम्मीद करके बैठे हैं कि उनका ही प्रत्याशी जीतेगा। भला इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की जो प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांगे हैं वे परिणाम के लिए कितने उतावले होंगे यह समझा जा सकता है। सभी जगह- इन दिनों केवल चुनाव की ही चर्चा है। चाय दुकान व चौक-चौराहों में लोग अपने-अपने ढंग से सरकार बना रहे हैं।
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पान ठेला हो या चौपाल हर जगह केवल एक ही विषय पर चर्चा हो रही है कि आखिर जीतेगा कौन ? ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसानों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों ने अपने घोषणा पत्र में लंबे चौड़े वादे किए हैं। भाजपा ने जहां मोदी की गारंटी के नाम से घोषणा पत्र जारी किया है वहीं कांग्रेस ने भरोसे का घोषणा पत्र जारी किया है।
दोनों के घोषणा पत्र में किसानों व महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक घोषणाएं की गई है, वही किसानो तथा युवाओं को अनेक प्रलोभन दिया गया है। भाजपा ने जहां महिलाओं के खाते में एक हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात कही है तो वहीं कांग्रेस ने सालाना 15 हजार रुपये देने की बात कही जिसे भाजपा के घोषणा पत्र के बाद कांग्रेस ने वादा किया है । कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी और बिजली बिल माफ करने की बॉत कही है।
ऐसे में मतदाताओं का रूझान किधर रहा है यह भी नहीं कहा जा सकता। परंतु एक बात निश्चित है कि भाजपा की घोषणा पत्र से कांग्रेस का घोषणा पत्र एवं चुनावी वादा अधिक लुभावना रहा है। जनता किस पर भरोसा की है यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा परंतु कोरबा जिले मे अधिकतर सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारो का जीतने का भरोसा जनता जाता रही है।