नमस्ते कोरबा :- अभी हाल ही में कोरबा क्षेत्र में भारी बरसात एवं वाहनों के आवागमन के कारण कुछ स्थानों पर सड़क की उखड़ी हुई बजरी के संबंध में कोरबा निगम के पूर्व महापौर जोगेश लाम्बा द्वारा सोशल मीडिया पर समाचार जारी कर नगर पालिक निगम कोरबा के महापौर और कोरबा विधायक व प्रदेश के मंत्री जयसिंह अग्रवाल पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर पलटवार करते हुए एमआईसी सदस्य एवं ब्लॉक अध्यक्ष संतोष राठौर ने कहा है कि निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यों में जिन सड़कों के हवाले से लाम्बा जी इस तरह की खबर के माध्यम से सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है,
उस संबंध में बताना लाजिमी होगा कि निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यों में ठेकेदारों से एक विशेष अनुबंध किया जाता है जिसके तहत परफॉरमेंस गॉरण्टी के तहत उस कार्य के रखरखाव के लिए तीन साल की गॉरण्टी रहती है और यदि इस अवधि में आवश्यकता पड़ती है तो ठेकेदार द्वारा स्वयं के खर्च पर उसेे दुरूस्त किया जाता है जिसके लिए निगम को किसी प्रकार की आर्थिक क्षति नहीं होती है। वर्तमान समय में लाम्बा जी ने जिस सड़क का उल्लेख किया है वह लगभग दो साल पहले तैयार कराई गई थी और आज भी वह परफॉरमेंस गॉरण्टी के अन्तर्गत है अतएव उसकी मरम्मत का कार्य ठेकेदार द्वारा ही किया जाएगा जिसके लिए निगम को कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।
लाम्बा जी वर्ष 2010 से 2014 तक स्वयं भी कोरबा नगर पालिक निगम के महापौर रह चुके हैं और वे अपने कार्यकाल के समय स्वयं की कारगुजारियों को शायद भूल गए हैं। यह तो वही बात हुई कि छननी हंस रही है सूपा पर जिसमें हजारों छिद्र हैं। यदि वे भूल गए हैं तो उनको याद दिलाना जरूरी है कि उनके स्वयं के कार्यकाल में चल रहे डामर के काम में एम.के. गुप्ता के साथ उनकी अघोषित साझेदारी रही है और उनके द्वारा कराए गए घटिया और स्तरहीन कार्यों के लिए तत्कालीन कोरबा कलेक्टर द्वारा उन्हें ब्लेकलिस्ट किए जाने की कार्यवाही पर स्वयं लाम्बा जी ने कलेक्टर से मिन्नतें करके ठेकेदार को ब्लेकलिस्ट नहीं करने के लिए गुहार लगाया था।
जहां तक बात साफ-सफाई व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाने का है तो कोरबा की जनता भलीभांति जानती है कि वर्तमान समय में शहर को साफ-सुथरा रखने पर जितना ध्यान दिया जा रहा है, सम्भवतः लाम्बा जी के कार्यकाल में इसका चौथाई कार्य भी नहीं होता था।
विगत वर्ष ऑल इण्डिया स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण में कोरबा निगम को 3 स्टॉर रेटिंग का अवार्ड मिला था। जबकि लाम्बा के कार्यकाल में जल निकासी वाली नालियां पूरी तरह से जाम होकर बजबजाती रहती थीं और समूचा क्षेत्र गंदगी और मच्छरों के आगोश में समाया हुआ रहता था। उस समय ठेकेदारों के साईट पर चुपचाप स्वयं लाम्बा जी जाकर कार्य कर रहे मजदूरों की संख्या गिनते थे और उसी आधार पर ठेकेदार से बेझिझक कमीशन की वसूली करते रहे हैं।
रही बात सी.सी. रोड एवं अन्य निर्माण कार्यों के संबंध में तो संबंधित क्षेत्र. के नागरिकों को अच्छी तरह से याद होगा कि इनके कार्यकाल में एक ही स्थान पर सी.सी. रोड और नालियों का निर्माण कार्य दो से तीन बार तक करवाया गया था। इससे कार्य की गुणवत्ता एवं भ्रष्टाचार खुद ब खुद साबित हो जाता है।
लाम्बा जी के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की श्रृखला में निगम द्वारा लीज पर दिए गए आवासीय और व्यावसायिक भवनों व प्लॉटों के लीज नवीनीकरण के नाम पर पूर्व में राज्य कीं सत्ता में रही भाजपा सरकार का हवाला देते हुए डंके की चोट पर जमकर कमीशनखोरी की गई। कोरबा के सम्मानित हितग्राहियों को खून के घूंट पीकर मजबूरी में रिश्वत देनी पड़ती थी।
कोरबा की जनता के साथ असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए पूर्व में निर्धारित प्रॉपर्टी टैक्स के स्लैब के मानकों में मनमाने तरीके से बदलाव करते हुए प्रापर्टी टैक्स बढ़ाकर हितग्राहियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला गया जिससे लाम्बा जी के ही कार्यकाल में जनता बेबश होकर कराहती रही है। लाम्बा जी की इन्ही कारगुजारियों से त्रस्त होकर कोरबा की जनता ने 2013 के विधानसभा चुनाव में नकार दिया था।
प्रॉपर्टी टैक्स के बोझ से निजात दिलाने के लिए इनके बाद निर्वाचित महापौर रेणु अग्रवाल ने एम.आई.सी. से प्रस्ताव पारित कर प्रॉपर्टी टैक्स को कम करवाया जिसे बाद में कोरबा के तत्कालीन विधायक व वर्तमान में प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में लम्बी लड़ाई लड़ी गई और जनता के हक में जीत हासिल हुई।
