नमस्ते कोरबा:- प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में चल रहे जिला स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दूसरे दिन भी राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल खिलाडियों के बीच पहुंचे और दूसरे दिन के खेल का शुभांरभ करते हुए खिलाडियों के साथ गिल्ली डंडा और पिटठूल खेल कर खिलाडियांे और दर्शको के बीच रोमांच पैदा कर दिया। राजस्व मंत्री का खेल देख कर परिसर तालियों से गुंज उठा।दूसरे दिन के प्रतिस्पर्धा में 18 वर्ष तक बालिका वर्ग का खेल हुआ जिसमें 14 खेल शामिल किये गये थे। ग्रामीण क्षेत्र के 5 कलस्टर एवं निगम शहरी क्षेत्र के 5 कलस्टर के कुल 580 खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया।
शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़िया खेलों में माटी की खुशबू छिपी होती है, जो विलुप्तप्राय हो रहा था। हमारे प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया खेलों को पुनर्जिवित करने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन प्रदेश भर में किया है। इन खेलों से युवा पीढ़ी को ना सिर्फ जोड़ना है बल्कि अपनी माटी से परिचित कराना भी है। उन्हांेने नई पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि हम मोबाईल गेम को छोड़कर अपने आस-पास के दोस्तों के साथ पुरातन खेलों को खेलें, इससे मानसिक और शारीरिक विकास के साथ बौद्धिक विकास भी होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गठन से लेकर इंदिरा स्टेडियम के निर्माण आदि को लेकर हमारे लोकप्रिय विधायक एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का योगदान व प्रयास काफी सराहनीय है। उनके प्रयास से आज कोरबा में विभिन्न खेलों के लिए समुचित संसाधन के साथ बच्चों एवं सभी वर्ग को एक बेहतर खेल परिवेश मिल रहा है। खेल के क्षेत्र में भी अब कोरबा अपना नाम राष्ट्र स्तर पर पहंुचा रहा है।
नगर पालिक निगम कोरबा के आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने स्वागत उद्बोधन दिया और कहा कि कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से न सिर्फ विद्यार्थियों को बल्कि हर वर्ग के लोगों के लिये एक नया माहौल गढ़ा है, जिसमें सभी वर्ग के लोग अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन स्वस्थ वातावरण में कर पा रहे है। इस आयोजन से खिलाडियों की छुपी हुई प्रतिभा निखर रही हैं। उन्होने कहा कि इस आयोजन में 14 खेलों को शामिल किया गया है। पहले वार्ड स्तर, फिर जोन स्तर, कलस्टर स्तर पर और उसके बाद जिला स्तर पर खिलाडी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहेे।