नमस्ते कोरबा :-: नगर की सड़कों पर नाबालिगों का वाहन दौड़ाना आम हो गया है। यह सिलसिला सुबह स्कूल खुलने के साथ शुरू होकर देर रात तक चलता है। पुलिस प्रशासन जब-तब कार्रवाई की औपचारिकता निभाता है, लेकिन इसके बाद भी नगर में इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।
नगर की हर सड़क पर दिनभर किशोर और बच्चे दोपहिया वाहन दौड़ाते दिखाई देते हैं। नाबालिग वाहन चालकों की संख्या कितनी अधिक होगी इसका अंदाजा नगर में संचालित होने वाले निजी स्कूलों व प्राइवेट कोचिंग सेंटर के बाहर खड़े दोपहिया वाहनों को देखकर लगाया जा सकता है। इसके साथ ही स्कूल व कोचिंग से छुट्टी होने के बाद नाबालिग सड़कों पर रेस करते हुए नजर आते हैं। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन व कोचिंग सेंटर पर नाबालिग बच्चों के द्वारा वाहन लेकर आने पर किसी भी तरह की रोक टोक नहीं की जा रही है।
कोचिंग सेंटर और स्कूलों के बाहर खड़े रहते हैं वाहन
स्कूल के अलावा नगर में सुबह से ही कोचिंग क्लासेस में बच्चों का जाना शुरू हो जाता है। छह बजे से ही नाबालिग सड़कों पर वाहन दौड़ाना शुरू कर देते हैं। यह क्रम शांत 7 बजे तक चलता है। नगर में स्थित लगभग कोचिंग के बाहर सुबह से लेकर रात तक वाहन खड़े दिखाई देते हैं। इन कोचिंगों में भी अधिकतर 10 वीं से 12वीं तक के नाबालिग छात्र-छात्राएं ही अध्ययन करते हैं। इनमें से कई तो संकरी गलियों में इतनी तेजी से वाहन निकालते हैं कि सामने से आ रहे व्यक्ति को खुद ही बचना पड़ता है।
अभिभावकों को जिम्मेदारी समझना होगी
अधिकतर नाबालिग उनके अभिभावकों की रजामंदी से ही वाहन चलाते हैं। अभिभावकों को अपने नाबालिग बच्चों को वाहन नहीं देने चाहिए। हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के साथ दूसरों की चिंता करनी चाहिए। अगर हम खुद अपने बच्चों की चिंता नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा।