

पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ट के प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी एवं सभापति श्याम सुंदर सोनी ने बताया कि कोलंबिया विश्वविद्यालय और लन्दन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, मरणोपरांत उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किया गया। सच्चे अर्थाें में डॉ. अम्बेडकर महान मानवतावादी और देशभक्त थे, समाज के प्रेरक थे।
कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष रिशीकर भारती ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जीवन सामाजिक चिंतन पर आधारित था। सामाजिक समानता, मौलिक अधिकार, मानवीय न्याय, समाजवाद तथा देश की एकता के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे।
आयोजन समिति के संयोजक के एल प्रसाद ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्र होते ही पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी सरकार में डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री का पद संभाला था। उन्होने आगे बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर पूरी शक्ति से जीवन भर सामाजिक उत्थान व विकास के लिए कार्य करते रहे।
इस मौके पर महेन्द्र थवाईत, लता बौद्ध, ललिता धिरी, एस. के. खाण्डे, प्रदीप सोनी, क्रांति कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे