
इसके साथ ही जिले के सार्वजनिक उपक्रमों बालको, एनटीपीसी, एसईसीएल परियोजना क्षेत्रों के अस्पतालों में भी कोविड मरीजों के ईलाज के लिए अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने कोरबा शहर के दो निजी अस्पतालों बालाजी ट्रामा सेंटर और एनकेएच अस्पताल के तीसरे और चैथे माले का सभी सुविधाओं सहित अधिग्रहण कर कोविड मरीजों के ईलाज के लिए उन्हें तत्काल तैयार करने के निर्देश प्रबंधनों को जारी किए हैं। प्रशासन ने जीवन आशा अस्पताल और सृष्टि अस्पताल को भी शासकीय नियमों और आईसीएमआर के मापदंडो का पालन करने की शर्त पर कोरोना मरीजों के ईलाज की अनुमति दी है। जिले में इन सभी दस अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को ईलाज के लिए भर्ती करने अभी एक हजार 577 बिस्तरों की क्षमता विकसित कर ली गई है। इन अस्पतालों में ईएसआईसी कोविड अस्पताल, बालको कोविड अस्पताल, एनटीपीसी अस्पताल, सीपेट कोविड केयर सेंटर, सीईटीआई गेवरा कोविड केयर सेंटर, जिला अस्पताल, एसईसीएल अस्पताल मुड़ापार, सृष्टि अस्पताल, जीवन आशा अस्पताल और बालाजी ट्रामा अस्पताल शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों में 400 से अधिक ऑक्सीजीनेटेड बिस्तरों की उपलब्धता वर्तमान में विकसित कर ली गई है। अस्पतालों में 204 ऑक्सीजीनेटेड बैड, 30 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर सुविधा युक्त बैड, 56 आईसीयु और 31 एचडीयु बिस्तर उपलब्ध हैं। सभी दस अस्पतालों में सामान्य बिस्तरों की संख्या एक हजार 256 है। जिले के इन कोविड अस्पतालों में वर्तमान में 27 वेंटिलेटर कोरोना के गंभीर मरीजों के इ्रलाज के लिए उपलब्ध हैं।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया है कि जिले में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और कोविड मरीजों को त्वरित और बेहतर उपचार के लिए अब फिलहाल सरकारी, जिला प्रशासन द्वारा अधिग्रहित और अनुमति प्राप्त निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज हो रहा है। सरकारी अस्पतालों में और प्रशासन द्वारा अधिग्रहित अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। जबकि निजी अस्पतालों में शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही मरीजों का ईलाज होगा।
