छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी गौठान योजना को कोरबा जिले के ग्राम बेला मैं नहीं हो रहा क्रियान्वयन ग्राम बेला मैं गौठान का निर्माण कराया गया हैं लेकिन गौठान मैं किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है ग्रामीणों के पशुओं के लिए ना तो वहां पर पानी की व्यवस्था है और ना ही चारे की ग्राम बेला के सरपंच से बात करने पर उन्होंने बताया कि गांव के लोगों की 13 सदस्य समिति बनी हुई है जो गौठान की देखरेख करती है उन्होंने यह भी बताया कि पशुओं के लिए चारा काटने वाली मशीन को गांव में रखा गया है क्योंकि गोठान में अभी कोई चौकीदार नहीं हैमशीन रखने से चोरी होने का डर है जानवरों के पानी की व्यवस्था नहीं है इनके लिए पानी की व्यवस्था पास के नालों में हो जाती हैं छत्तीसगढ़ में गोपालन को आर्थिक रूप से लाभदाई बनाने और खुले में पशु चारने की प्रथा रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने यह योजना पेश की है जिससे कि खुले में पशुओं के चरने से होने वाले पर्यावरण के नुकसान से भी बचा जा सके लेकिन ग्राम बेला के गोठान को देखकर यही कहा जा सकता है कि राज्य सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना को गांव के जनप्रतिनिधियों के द्वारा किस प्रकार से पलीता लगाया जा रहा है इसका उदाहरण ग्राम पंचायत बेला में देखने को मिल सकता है
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