नमस्ते कोरबा :- वर्तमान समय में कई प्रकार के पशु-पक्षियों की प्रजाति विलुप्त होती जा रही है। ऐसे में अगर हम किसी जीव का इंसानों के साथ मेलजोल देखते हैं तो, यह आश्चर्य के साथ-साथ सुकून भी देता है– और अगर वो जीव गिलहरी जैसा संवेदनशील हो, जिसे हम कभी छूने का भी नहीं सोच सकते, तो यह आश्चर्य और भी बढ़ जाता है।
हम बात कर रहे हैं उस गिलहरी की जो रामपुर आईटीआई स्थित आशी के परिवार में घर के सदस्य की तरह घुल मिल गई है। कोरोनाकाल ने जहां इंसानों के बीच दूरी बना दी। वहीं यह गिलहरी इस परिवार के सदस्यों से अपार स्नेह रखती है। आशी के साथ खाना, खेलना, सोना और दिनभर साथ में रहना,
परिवार के सदस्य अपने काम में लगे रहते हैं और गिलहरी परिवार के सदस्यों के आसपास घूमती रहती है।
आशी के नानी ने बताया कि गिलहरी अभी छोटी है और केवल दूध पी रही है, कुछ समय के लिए प्रतिदिन घर के बाहर भी घूमने चली जाती है और फिर वापस घर आ जाती है। जब तक गिलहरी घर वापस नहीं आती, बच्चे उसके इंतजार में बैठे रहते हैं।
यकीनन यह देखने में बहुत बड़ा आश्चर्य लगता है और साथ ही साथ ये सोचने पर मजबूर भी कर देता है कि– इंसानों द्वारा जो पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, उसमें न जाने ऐसे कितने जीव विलुप्त होते जा रहे हैं।
ऐसे में इस परिवार का गिलहरी के प्रति प्रेम एक मिसाल बनकर सामने आया है।
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