गौरतलब है कि 12 अक्टूबर को कोरबा नगर निगम के द्वारा सामान्य सभा की बैठक आहूत की गई थी जिसमें सत्ता पक्ष द्वारा विपक्षी पार्षदों को जिनमें नेता प्रतिपक्ष भी शामिल थे कोरोना प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए सामान्य सभा में शामिल नहीं होने दिया गया सामान्य सभा में विपक्षी पार्षदों द्वारा सत्ता पक्ष के द्वारा लाए गए बिंदुओं पर आपत्ति की गई फिर भी नगर निगम के सभापति ने सभी बिंदुओं को सर्वसम्मति से पास होता है कहकर पास कर दिया जिस में भी विपक्षी पार्षदों ने अपनी आपत्ति जताई भारतीय जनता पार्टी के सभी पार्षदों एवं जोगी कांग्रेस लिखित एवं माकपा के 2 पार्षदों की मौखिक आपत्ती भारतीय जनता पार्टी ने जिलाधीश महोदया से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा और तीन दिवस के भीतर इस पर कार्यवाही करने को कहा ज्ञापन में कहा गया की एक पार्षद लगभग 5000 जनता का प्रतिनिधित्व करता है और आपने जनता का प्रतिनिधित्व करने वालों को सामान्य सभा में जाने की अनुमति नहीं दी इस प्रकार सामान्य सभा का कोई औचित्य नहीं रह जाता है
कोरबा नगर निगम में विपक्षी पार्टी भाजपा ने जिलाधीश से मिलकर सामान्य सभा को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की
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