
बैठक में अपर कलेक्टर ने सभी निजी संस्थाओं को सख्त हिदायत दी की किसी भी कारण से किसी भी विद्यार्थी को आॅनलाइन पढ़ाई से वंचित ना करें। यदि कोई विद्यार्थी आॅनलाइन नहीं जुड़ पा रहा है तो यह संस्था को दायित्व होगा कि वह विद्यार्थी को अन्य माध्यम से शिक्षण सामग्री प्रदान करें और उसे पढ़ाई से जोडे़ रखें। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री सतीश पाण्डेय ने बताया कि किसी भी विद्यार्थी के शिक्षण प्रक्रिया में रूकावट डालकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यदि स्कूल शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य शुल्क भी ले रहें हैं तो नोडल अधिकारी परीक्षण कर गत सत्र के शिक्षण शुल्क को अलग कर पालकों को सूचित करेंगे और विद्यालय के सूचना पटल पर ऐसी जानकारी चस्पा भी करेंगे। बैठक मंे अशासकीय विद्यालय फीस विनियम और विद्यालय फीस समिति द्वारा फीस निर्धारण की पूरी जानकारी भी दी गई।