नमस्ते कोरबा :- 15 जून से सभी रेतघाटों में पर्यावरण संरक्षण नियम के अनुसार उत्खनन पर प्रतिबंध लग जाएगा। घाट बंद होने की निकटता को देखते अवैध भंडारण की कवायद तेज हो गई। माना जा रहा है कि इस बार मानसून की सक्रियता 13 जून से ही बढ़ जाएगी। ऐसे माफियाओं की सक्रियता अवैध संग्रहण के लिए तेज हो गई है। नदी व नालों में जल प्रवाह लगभग बंद हो चुका है। ऐसे में वाहनों को नदी के भीतर ले जाने में सुविधा हो रही,
कोरबा में रेत का अवैध खनन सदाबहार समस्या है। मानसून से पहले यह चरम पर रहता है क्योंकि बरसात के दौरान रेत का खनन बेहद मुश्किल हो जाता है। इसलिए मानसून से पहले ही खनन मालिक या जमाकर्ता साम दाम दंड भेद से ज्यादा से ज्यादा रेत निकालने का प्रयास करते हैं।
रेत माफिया बारिश के दौरान ऊंचे दामों पर रेत बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। इसके चलते मानसून के दस्तक के साथ ही रेत निकाल कर जगह-जगह स्टॉक करने में लगे हैं। वहीं बारिश में निर्माण कार्य भी न रुके, इसके लिए रेत का स्टाॅक करना शुरू कर दिया है। इसके चलते रेत की मांग अधिक बढ़ गई है।
जो रेत का ट्रैक्टर एक हफ्ता पूर्व 1500 रुपए प्रति ट्रैक्टर था वह अभी बढ़कर 2500 रुपए हो गया है जिस में आने वाले दिनों में और इजाफा होने की संभावना है,







